बीकानेर के संपूर्ण इतिहास के बारे में जानकारी – bikaner history in hindi

बीकानेर राजस्थान की एक देसी रियासत थी। बीकानेर की संस्कृति जितनी पुराणी है उतना ही पुराण बीकानेर का इतिहास ( bikaner history in hindi)रहा है।  बीकानेर भारत में अपने जूनागढ़ किले के कारण जाना जाता है। जिस समय बीकानेर की स्थापना की गई थी उस समय बीकानेर एक देसी रियासत हुवा करती थी। कहा जाता है कि बीकानेर की स्थापना करनी माता की आज्ञा से किया गया थी। पुरातात्विक पत्रों के अनुसार बीकानेर की स्थापना 1448 ईस्वी में की गई है।

बीकानेर का नाम भारत के  सबसे बड़े शहरो की सूचि में गिना जाता है। बीकानेर का अधिकांश भाग जंगल था और इसके कारन बीकानेर को जंगलिये बीकानेर भी कहा जाता है। कहा जाता है कि बीकानेर पर हमेसा करनी माता का आशिर्वाद बना हुवा रहता है इस कारण यहाँ कभी भी अनाज की कमी नहीं होती है। बीकानेर पर अनेक शासको ने शासन किया है लेकिन राव बीकाजी, लूनकर्नसर, गंगा सिंह आदि राजाओ ने शासन किया है।

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बीकानेर के इतिहास से सम्बंधित कुछ महत्वपूर्ण जानकारी – bikaner history in hindi

पुरातात्विक अभिलेखों के माध्यम से प्राप्त जानकारी के अनुसार बीकानेर की स्थापना 1448 ईस्वी में राव बिकजो के द्वारा की गई है। कहा जाता है कि उनके दरबार में एक बार उनके पिताजी अपनी रियासतों के महाराजाओ से किसी राज्य पर आक्रमण करने की योजना बना रहे थे। राव बीकाजी अपने पिताजी से थोड़ी दूरी पर अपने मित्रों के साथ खेल रहे थे। राव बीकाजी ने अपने पिताजी की गुप्त बाते का अंदाज लगा लिया। इससे उनके पिताजी उनसे खुश हुवे और उनके एक राजवाड़ा सोप दिया।

प्राचीन अभिलेखों के माध्यम से पता चलता है कि राव बीकाजी की शादी पुर्नलगपुर की राजकुमारी के साथ सम्पन हुवा। उनका नाम रंग कवर था।  बीकानेर के सबसे शाक्तिशाली शासक राव बीकाजी की 1504 में मर्तियु  हुवी।

बीकानेर के निर्माण में कुल 24 साल का समय लगा था। राव सिंह ने 1448 में बीकानेर की स्थापना की थी। लेकिन 1465 में बीकानेर की स्थापना का काम सुरु हुवा था। राव बीकाजी ने अपने जीवनकाल में राजस्थान के अनेक शासको से युद्ध किया । उन्होंने जैसलमेर के कुछ इलाकों पर भी कब्ज़ा कर लिया था।

बीकानेर के इतिहास के कुछ अन्य शासक जिन्होंने बीकानेर के निर्माण में योगदान दिया – bikaner history in hindi

राव बीकाजी की की मर्तियू 1504 ईस्वी में हुवी। राव बीकाजी के बाद बीकानेर रियासत पूरी तरह से बिखर गई। कुछ समय तक अन्य रियासतों के राजा आक्रमण करते रहे और बीकानेर के लिए लड़ते रहे। बीकानेर के सफल सञ्चालन के लिए बीकानेर के शासको ने मुगलो के साथ हाथ मिला लिया। और इसी क्रम में मात्र 6 साल की उम्र में प्रतापसिंह बीकानेर के महाराजा बन गए। हलाजी राव सिंह के बाद 24 अन्य शासको ने बीकानेर पर अपना राज कायम किया।

बीकानेर के प्रमुख शासको के बारे में जानकारी

1. राय सिंह ने 1573 से लेकर 1612 तक बीकानेर के शासक बने रहे।

2. कर्ण सिंह से 1630 से लेकर 1670 तक बीकानेर पर शासन किया।

3. अनूप सिंह ने भी 1669 से लेकर 1698 याक बीकानेर पर अपना शासन स्थापित किया

4. सूजन सिंह ने 1700 से लेकर 1736 तक बीकानेर के शासक रहे।

5. जोरावर सिंह ने 1736 से 1746 तक बीकानेर पर अपना शासन किया।

जोरावर सिंह के बाद मन सिंह, गंगा सिंह आदि राजाओ ने बीकानेर पर अपना शासन किया।

बीकानेर का भौगोलिक स्वरुप और बीकानेर की जलवायु के बारे में जानकारी।

सामरिक दृष्टि से भी बीकानेर काफी महत्वपूर्ण जिला है। क्योंकि बीकानेर की सीमा पाकिस्तान के साथ लगती है। 168 किलो मीटर की सीधी रेखा पाकिस्तान के साथ कनेक्ट होती है। भारत सरकार ने बीकानेर की 168 किलोमीटर के रेखा पर अपने सैनिक तैनात कर रखे है।

बीकानेर की जलवायु काफी गर्म है। यह आपको दूर दूर तक रेत के टीले देखने को मिल जायेंगे। यहाँ गर्मियों में जोर जोर से हवाई चलती रहती है। किसानों के लिए खेती करना मुश्किल हो जाता है क्योंकि यहाँ के कुछ किसान वर्षा पर निर्भर रहते है। मार्च से अगस्त तक बहूत तेज गर्मी पड़ती रहती है। हलाकि रात को 10 बजे के बाद ठंडी ठंडी हवा की लहरें चलना सुरु हो जाती है। यहाँ की जलवायु गर्मियों में गर्म और सर्दियों म ठंडी रहती है। सर्दियों में आपको दिन में सर्दी नहीं लगती है क्योंकि यहाँ की मिट्टी गर्म हो जाती है।

बीकानेर के पर्यटन स्थल, धार्मिक उत्सव, चित्रकला आदि के बारे में जानकारी – bikaner history hindi

बीकानेर राजस्थान में अपनी चित्रकला और धार्मिक उत्सवों के कारण जाना जाता है। राजस्थान की जितनी भी चित्रकला है उसका जन्मस्थान बीकानेर को माना जाता है। बीकानेर में आहड़ चित्रकला यहाँ की प्रसीद चित्रकला है।

बीकानेर के लोगो का हिन्दू धर्म मर गहरी आस्था है। यहाँ पर आपको हिन्दू धर्म का सबसे अच्छा उदाहरण करनी माता का मंदिर देखा जा सकता है। यहाँ के लोगो के अनुसार हिन्दू धर्म को अपनाने से मन ,बुद्धि, वाणी पर इंसान का सयम कायम होता है।  अगर हम यहाँ के सबसे बड़े पर्यटन स्थल की बात करे तो करनी माता का मंदिर सबसे पहले आता है।

धार्मिक उत्सव – राजस्थान और बीकानेर दोनों में ही समान धार्मिक उत्सव मनाया जाता है। यहाँ पर अक्टूबर और नवम्बर में दीपावली का त्यौहार मनाया जाता है। यह हिन्दू धर्म को मानने वालों के लिए सबसे बड़ा त्यौहार मन जाता है। मार्च में होली का त्यौहार मनाया जाता है। इसके अलावा घूमर लोक नृत्य, गणगौर, आदि का त्यौहार प्रमुखता से मनाया जाता है।

निकर्ष – उमीद करते है कि आपको हमारी पोस्ट बीकानेर के इतिहास ( bikaner history in hindi) पसन्द आयी होगी। अगर आप बीकानेर से सम्बंधित किसी भी तरह के बारे में जानकारी प्राप्त करने चाहते हो तो आप हमें कमेंट करके पूछ सकते हो। हम आपकी सहायता करने की पूरी कोसिस करेंगे।

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