राजस्थान के कोटा शहर के इतिहास के बारे में जानकारी

कोटा शहर को भारत के सबसे बड़े जिलों में गिना किया जाता है । कोटा कोटा शहर 1857 की क्रांति के लिए काफी महत्वपूर्ण रहा है । कोटा शहर का इतिहास ( kota history in hindi) राजस्थान की संस्कृति कला और साहित्य को दर्शाता है। कोटा शहर में बनाये गए महल, किले के हूबहू महल और किला आपको अमेरिका में भी देखने को मिल जायेंगे। कहा जाता है है एक एक राजा का नाम कोटियाल हुवा करता था। उसी राजा ने कोटा की स्थापना और उसी राजा के नाम पर कोटा शहर नाम कोटा पड़ा।

कोटा पर अनेक शासको ने राज किया है। 1631 में जाहांगीर ने कोटा शहर को स्वतंत्र राज्य स्थापित किया और कोटा को अपना राज्य बनाया । सन 1600 में कोटिया भिंल ने यहाँ पर शासन किया और 1605 बूंदी की इस रियासत का नाम बदलकर कोटा कर दिया। 1622 में मुग़ल शासक रत्नसिंह ने धोके से कोटा रियासत के शासक भील कोटियों को अपने कब्जे में ले लिया और कोटा पर अपना अधिकार कर लिया।

kota history in hindi

जाहांगीर ने कोटा रियासत को अपना राज्य बनाया और राजस्थान की स्थापना की –

जहांगीर ने माधोसिंह को हराकर कोटा पर अपना अधिकार स्थापित कर लिए । 1628 में जाहांगीर को अपने शासन को सुचारु रुप से चलाने के लिए नई राजधानी की आवश्यकता महसूस हुई इसलिए जहांगीर ने कोटा रियासत को बूंदी से अलग किया और कोटा को अपनी राजधानी बना लिया। जहांगीर के समय कोटा में अनेक कला संस्कृति और साहित्य का काफी अच्छा विकास हुआ। जाहांगीर ने कोटा में कोटा गढ़ का निर्माण करवाया जिससे वह अन्य शासको पर नज़र रखता था। इन गढ़ में बूंदी सेली का प्रयोग किया गया है। कोटा गढ़ की सेली संपूर्ण राजस्थान में प्रसिद्ध है।

माधोसिंह ने भी कोटा रियासत का काफी विस्तार किया है । माधोसिंह ने अपने शासनकाल में यहाँ अनेक प्रकार के महल बनाये इसमें बूंदी सेली का प्रयोग किया । राजस्थान में बूंदी सेली बूंदी सेली काफी प्रशिद्ध है। जयपुर शहर के महल गढ़ में भी आपको इस सेली के चित्रण देखने को मिल जायेंगे

सन 1817 में कोटा शहर अंग्रेजो के आधिपत्य में चला गया। सन 1818 में संपूण राजस्थान अंग्रेजो के अधिपत्य में चला गया। अंग्रेजो ने कोटा के विकास में रेल मार्ग, सड़क मार्ग, खेती, को विकशित किया है। राजपूत भीलो के द्वारा बनाया गया शहर 1818 में एक स्वंत्रत रियासत के रूप में अंग्रेजो के पास चला गया।

जब कोटा रियासत ने राजस्थान राज्य का निर्माण किया और भीम सिंग राजस्थान राज्य की रियासत की गद्दी पर बैठा

राजस्थान को राजपुताना शहर के नाम से इसलिए जान जाता था क्योंकि इसकी स्थापना राजपूतो ने की थी। राजपुताना में बहूत छोटी छोटी टुकड़िया बाटी हुयी थी। सन 1948 में इन सबको एक करके एक बड़ा शहर बनाने की आवस्यकता महसूस हुई। 1948 में कोटा रियासत भीम सिंह के आधिपत्य में थी। उसने बूंदी, चित्तोर, आदि के महाराजा एकत्रित हुए और राजस्थान की स्थापना की। इस समिति में सरदार वलभ भाई पटेल भी शामिल थे। इसमें तीन रियासत कोट, बंदी चित्तोर को शामिल किया गया था। 1949 में राजस्थान में जयपुर शहर को भी शामिल कर लिया। कुछ रियासतों ने इसमें शामिल होने से मना कर दिया वे स्वतंत्र रहना चाहते थे। राजस्थान सरकार के द्वारा इन रियासतों के राजाओं को पैसे देकर, किसी को भत्ता देकर 1949 में सभी रियासतों का विलय कर लिया गया।

राजपुताना की कुछ रियासते , जयपुर, मेवाड़, बीकानेर और जोधपुर ने शामिल होने से मना कर दिया। लेकिन 1948 में इन रियासतों के साथ प्रतापगढ़, झालावाड़, दौसा रियासतों को भी शामिल कर लिया और राजपुताना से राजस्थान नाम रखा गया।

कोटा शहर की जलवायु के बारे में जानकारी – kota ka itihas.

कोटा में आने से पहले इसकी जलवायु के बारे में जान लेना चाहिए। अभी सर्दियों के मौसम रात के समय काफी सर्दी लगती है। हलाकि दिन के आपको सर्दी का अहसास नहीं होगा नही होगा। यहाँ गर्मियों में भी अधिक गर्मी पड़ती है। कभी कभी तो तापमान 45° c तक पहुच जाता है। रात के वक़्त ठण्ड का अहसास जरूर होता है। यहाँ पर आपको गर्मियों में गर्मी और सर्दियों तो ठण्ड का अहसास होता है।

राजस्थान की शिक्षा नगरी के रूप में कोटा शहर के बारे में जानकारी- kota history in hindi

भारत में कोटा को शिक्षा की नगरी के रूप में जाना जाता है। भारत के सभी राज्यो के स्टूडेंट यहाँ पर पढ़ने के लिए आते है। यहाँ पर आपको विशेषकर jee mains और neet exam की तैयारी करवाई जाएगी। कहते है कि अगर आप सरकारी नोकरी की तैयारी कर रहे हो तो आपको कोटा में कोचिंग जरूर करनी चाहिए। जयपुर शहर के विद्यार्थी भी कोटा में एग्जाम  की तैयारी करने के लिए आते है।

निस्कर्ष – उमीद करते है कि आपको हमारी पोस्ट ” कोटा का इतिहास” पसंद आई होगी। हमने यहाँ पर कोटा शहर (kota ka itihas)के इतिहास के बारे में जानकारी के बारे में संपूर्ण जानकारी दी है। अगर आप सरकारी नोकरी की तैयारी कर रहे हो तो कोटा शहर के बारे में किसी भी जानकारी के लिए आप कमेंट करके पूछ सकते है। हम आपकी सहायता करने की पूरी कोसिस करेंगे।

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